
नई दिल्ली: भारत की वित्तीय व्यवस्था में एक बड़ा लोचा सामने आया है! देश के दिग्गज अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने खुलासा किया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में लोगों का 90,000 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा पैसा अटका हुआ है. इसकी वजह ऑनलाइन होने के बावजूद पुरानी और उलझी हुई सरकारी प्रक्रियाएं हैं, जिसके कारण लोग अपनी ही गाढ़ी कमाई निकालने में परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
पैसे निकालने का ‘जटिल’ मकड़जाल
संजीव सान्याल ने हाल ही में मोनिका हलन के ‘ग्रोइंग इंडिया’ पॉडकास्ट में इस गंभीर मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने बताया कि EPFO से अपना पैसा निकालने के लिए लोगों को 25 अलग-अलग कदम उठाने पड़ते हैं! इस जटिल प्रक्रिया के कारण अक्सर लोग बीच में ही अटक जाते हैं और अपना पैसा नहीं निकाल पाते.
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दलालों का ‘नया सिस्टम’ और 20% कमीशन
इस सिस्टम की कमी का फायदा कुछ दलाल उठा रहे हैं. सान्याल के अनुसार, ये दलाल लोगों से उनका पैसा निकालने के लिए 20% तक कमीशन वसूलते हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ टेक्नोलॉजी को अपनाना ही काफी नहीं है, बल्कि पूरी प्रक्रिया को आसान बनाना भी उतना ही ज़रूरी है.

‘सिर्फ टेक्नोलॉजी से नहीं सुधरेगा खराब सिस्टम’
संजीव सान्याल ने जोर देकर कहा कि “हमने पुरानी सरकारी प्रक्रिया को ही ऑनलाइन कर दिया है. यह सुधार नहीं है.” उनका कहना है कि अगर सिस्टम ही खराब है, तो उसे सिर्फ डिजिटल करने से ठीक नहीं किया जा सकता. ज़रूरत इस बात की है कि प्रक्रियाओं को इतना सरल बनाया जाए कि आम आदमी आसानी से अपनी बचत तक पहुंच सके.https://kainchinews.in/bjp-alleges-tejashwi-yadav-has-two-voter-ids-ec-issues-notice/
IEPF: जहां ‘मरने’ जाते हैं शेयर!
टॉप इकोनॉमिस्ट ने इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड (IEPF) के बारे में भी चिंता जताई. सान्याल ने इसे ऐसी जगह बताया जहां शेयर मरने के लिए जाते हैं. उनके मुताबिक, अगर किसी के परिवार में किसी की मौत हो जाती है या कोई दस्तावेज़ खो जाते हैं, तो उनके लिए अपने पैसे या शेयर वापस पाना लगभग नाममुकिन हो जाता है.
यह मुद्दा दर्शाता है कि भारत को अभी भी अपने डिजिटल इंडिया के सपने को पूरी तरह साकार करने के लिए प्रक्रियात्मक सुधारों पर ध्यान देना होगा, ताकि लोगों को अपनी ही मेहनत की कमाई तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो.
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