
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने मिशन रेस्क्यू शुरू किया। इजराइली हमलों में 22 इजराइली और ईरानी हमलों में 224 ईरानी नागरिकों की मौत हुई। जानें, किस तरह भारत के दूतावास ने छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।https://kainchinews.in/robin-jindal-appointed-national-vice-president-of-bhartiya-shramik-kamgar-karmchari-mahasangh/
नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच छिड़ा विनाशकारी संघर्ष पांचवें दिन भी जारी है, जिसने पूरे मध्य-पूर्व को युद्ध की आग में झोंक दिया है। दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार मिसाइलें दाग रहे हैं, जिससे मरने वालों की संख्या 246 तक पहुंच गई है। इस भीषण युद्ध के बीच, भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों, विशेषकर छात्रों, की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर “मिशन रेस्क्यू” शुरू किया है।
संघर्ष की भयावहता: 246 लोगों की मौत
सोमवार-मंगलवार की रात को भी दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों का दौर जारी रहा। ईरान द्वारा इजरायल के प्रमुख शहरों तेल अवीव, हाइफा और पेटाह टिकवा पर किए गए हमलों में अब तक 22 इजरायली नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जवाब में, इजरायली हमलों ने ईरान में भारी तबाही मचाई है, जहाँ लगभग 224 ईरानी नागरिक मारे गए हैं। इस खूनी संघर्ष ने दोनों देशों में भय और अनिश्चितता का माहौल बना दिया है।

भारत का “मिशन रेस्क्यू“: छात्रों की सुरक्षित वापसी
अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, भारत ने ईरान से भारतीयों को निकालने के लिए “मिशन रेस्क्यू” लॉन्च किया है। तेहरान स्थित भारतीय दूतावास तेजी से काम कर रहा है।
- पहला जत्था रवाना: पहले चरण में, 110 भारतीय नागरिकों के एक समूह को ईरान से सुरक्षित निकालकर आर्मीनिया भेज दिया गया है, जहाँ से उन्हें विशेष उड़ानों द्वारा भारत वापस लाया जाएगा।
- छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया: भारतीय दूतावास ने पुष्टि की है कि ईरान की विभिन्न यूनिवर्सिटियों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्रों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है।
- निकासी प्रक्रिया जारी: शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी और उर्मिया यूनिवर्सिटी के छात्र भी सुरक्षित स्थानों के लिए निकल चुके हैं। शिराज और इस्फ़हान यूनिवर्सिटी के छात्रों को अगले दिन स्थानांतरित करने की योजना है। दूतावास ने यह भी आश्वासन दिया है कि कश्मीर के छात्रों सहित सभी की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जाएगी।
- हेल्पलाइन नंबर जारी: विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में मौजूद भारतीय नागरिकों के लिए 24/7 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय चिंता और G7 का रुख
कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में इस संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। G7 नेताओं ने ईरान से तनाव कम करने का आग्रह किया, लेकिन साथ ही इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया। G7 देशों ने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दिया जाएगा और मध्य-पूर्व में शांति बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।
नेताओं की बयानबाजी से बढ़ा तनाव
इस बीच, दोनों देशों के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी जारी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का सनसनीखेज आरोप लगाया और ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की कसम खाई। वहीं, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने इजरायल को “कड़ी सजा” देने की धमकी दी है, जबकि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने देश में एकता बनाए रखने की अपील की है।
यह संघर्ष न केवल मध्य-पूर्व के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में भारत का अपने नागरिकों को तेजी से और सुरक्षित रूप से बाहर निकालना एक बड़ी राहत की खबर है।
इस संघर्ष का पांचवां दिन सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात तक जारी रहा, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी। इस बीच भारत ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए “मिशन रेस्क्यू” शुरू किया। पहले जत्थे में 110 भारतीय नागरिकों को ईरान से आर्मीनिया भेजा गया है, और इन्हें भारत वापस लाया जाएगा। भारत सरकार ने इसके अलावा विदेश मंत्रालय के माध्यम से ईरान और इजरायल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं ने मिडिल ईस्ट संकट पर गहरी चिंता जताई। जी7 देशों ने ईरान से तनाव कम करने की अपील की और यह स्पष्ट किया कि इजरायल को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार प्राप्त है। इसके अलावा, जी7 देशों ने यह भी कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त नहीं करने दिया जाएगा, और मध्य-पूर्व क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आरोप लगाया कि ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश की थी, और उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने का वचन दिया। दूसरी तरफ, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने राष्ट्रीय एकता की अपील की, जबकि सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने इजरायल पर आवासीय इलाकों पर हमले का आरोप लगाया और कड़ी सजा देने की धमकी दी। इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि तेहरान को जल्द ही इसके परिणाम भुगतने होंगे।
भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित किया:
तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि ईरान में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी, और ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्र भी सुरक्षित स्थानों के लिए निकल चुके हैं और रास्ते में हैं। शिराज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और इस्फ़हान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्रों को अगले दिन ट्रांसफर किया जाएगा। दूतावास ने यह सुनिश्चित किया है कि कश्मीर समेत सभी छात्रों की सुरक्षित निकासी समय पर हो।
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