
हल्द्वानी, उत्तराखंड: हल्द्वानी में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने एक परिवार के खुशियों भरे दिन को मातम में बदल दिया। सुशीला तिवारी अस्पताल से तीन दिन के नवजात शिशु और प्रसूता को लेकर घर लौट रहा किच्छा का एक परिवार उस समय काल का ग्रास बन गया, जब उनकी कार अस्पताल से निकलते ही एक नहर में समा गई। इस हृदयविदारक घटना में नवजात शिशु सहित चार लोगों की मौत हो गई, जबकि प्रसूता के जेठ रमेश चमत्कारिक रूप से बच गए। रमेश ने इस भयावह दुर्घटना की पूरी कहानी बयां की है। उन्होंने बताया कि किस तरह कार में नहर समाई और घर का चिराग बुझ गया।
हादसे का खौफनाक मंजर
रमेश के अनुसार, वे सुबह ही एक कार बुक करके ड्राइवर श्यामलाल के साथ अस्पताल पहुंचे थे। उनके छोटे भाई राकेश अपनी पत्नी रामा और नवजात शिशु को अस्पताल से छुट्टी दिलवाकर घर ले जा रहे थे। सभी लोग कार में सवार होकर अपने गांव के लिए रवाना हुए। रमेश ने बताया कि रास्ते में तेज बारिश होने लगी, जिससे कार के शीशे के सामने कुछ भी स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था। “मोड़ के पास अचानक कार डगमगा गई। ऐसा लगा जैसे किसी गड्ढे में गाड़ी का पहिया पड़ गया हो। जब तक कुछ समझ पाते तब तक गाड़ी नहर में चली गई,” रमेश ने कांपते हुए बताया।https://kainchinews.in/viral-video-couples-dangerous-romance-on-moving-cars-sunroof-sparks-outrage-police-investigate/
कार के नहर में गिरने के बाद अंदर चीख-पुकार मच गई और देखते ही देखते सभी बेहोशी की हालत में आ गए। रमेश ने बताया, “जब पुलिस ने हमें बाहर निकाला, तब पता चला कि मेरे छोटे भाई राकेश, मेरी पत्नी, तीन दिन पहले पैदा हुए मेरे भतीजे और मेरे छोटे भाई की सास की मौत हो चुकी थी।” रमेश अभी भी इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं और उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि यह सब कैसे हो गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि गाड़ी में कोई खराबी नहीं थी और ड्राइवर भी अच्छा था। घटना कैसे घटी, उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा है।
मृतकों में नवजात भी शामिल:
इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में जिन चार लोगों की मौत हुई है, उनमें तीन दिन का मासूम नवजात शिशु, उसकी दादी (रमेश की पत्नी), पिता राकेश, और नानी (रमेश के छोटे भाई की सास) शामिल हैं। यह घटना जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है, एक बार फिर रात में और खराब मौसम में ड्राइविंग के खतरों को उजागर करती है। स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना की विस्तृत जांच जारी है।
यह दुर्घटना परिवार के लिए एक ऐसा गहरा घाव दे गई है जो शायद कभी नहीं भर पाएगा।