
अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने फिर रचा इतिहास! भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को लेकर गया स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल आखिरकार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक जुड़ गया है। यह पल भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, क्योंकि शुभांशु अब उन चुनिंदा भारतीयों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अंतरिक्ष में कदम रखा है।
नियोजित समय से पहले डॉकिंग:
आज सुबह (भारत के समयानुसार), स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल ने निर्धारित समय से लगभग 20 मिनट पहले ISS से सटीकता से डॉकिंग प्रक्रिया पूरी कर ली। यह उपलब्धि लेजर सेंसर, अत्याधुनिक कैमरों और पूरी तरह से स्वचालित सिस्टम के बेजोड़ तालमेल का परिणाम है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, ग्राउंड कंट्रोल और मिशन क्रू के बीच लगातार समन्वय बना रहा। डॉकिंग के बाद, कैप्सूल के दबाव की जाँच सहित कई महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल पूरे किए जा रहे हैं, जिसके बाद शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री ISS के अंदर प्रवेश करेंगे।
Ax-4 मिशन और शुभांशु की भूमिका:
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस महत्वपूर्ण Axiom-4 (Ax-4) मिशन का हिस्सा हैं। यह मिशन एक निजी अंतरिक्ष उड़ान पहल है जो विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए ISS तक पहुंचने का अवसर प्रदान करती है। शुभांशु के लिए यह मिशन उनकी गहन प्रशिक्षण और तैयारियों का परिणाम है, जिसमें उन्होंने मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए आवश्यक सभी कठोर परीक्षण और अभ्यास सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। ISS पर शुभांशु की निगरानी और सक्रिय भागीदारी इस मिशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी।https://kainchinews.in/viral-video-couples-dangerous-romance-on-moving-cars-sunroof-sparks-outrage-police-investigate/
कितने दिन अंतरिक्ष में रहेंगे शुभांशु?
Ax-4 मिशन के तहत, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके साथी क्रू सदस्य लगभग 14 दिनों तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहेंगे। इस दौरान, वे विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण वातावरण में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेंगे और नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करेंगे। उनका प्रवास भारत के लिए महत्वपूर्ण डेटा और अनुभव प्रदान करेगा, जो भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों, विशेष रूप से ‘गगनयान’ कार्यक्रम के लिए अत्यंत मूल्यवान साबित होगा। देखिए डॉकिंग की पूरी प्रक्रिया https://x.com/SpaceX/status/1938152094390951939?t=LzGObovokBMTqPcQHj_oHw&s=08
भारत के लिए गौरव का क्षण: यह उपलब्धि न केवल शुभांशु शुक्ला के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। यह देश की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और निजी अंतरिक्ष कंपनियों के बीच बढ़ते सहयोग के साथ, भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। शुभांशु का ISS से जुड़ना युवा पीढ़ी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा और अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा को बढ़ावा देगा।जैसे ही क्रू ISS में प्रवेश करेगा और उनके मिशन की गतिविधियां शुरू होंगी, दुनिया भर की निगाहें इस ऐतिहासिक यात्रा पर टिकी रहेंगी।
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