
ब्रासीलिया, ब्राजील: आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित अनुपस्थिति ने अंतरराष्ट्रीय हलकों में हलचल मचा दी है। सूत्रों के अनुसार, जिनपिंग की इस महत्वपूर्ण बैठक से दूरी की वजह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में एक प्रमुख पश्चिमी देश से मिला ‘स्टेट डिनर’ का निमंत्रण हो सकता है।
ब्रिक्स, जो ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसी दुनिया की पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, वैश्विक अर्थव्यवस्था और भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में चीन जैसे बड़े सदस्य राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष का शिखर सम्मेलन में शामिल न होना निश्चित रूप से चर्चा का विषय है।https://kainchinews.in/uttarakhand-panchayat-elections-high-court-lifts-stay-clears-path-for-polls-amid-reservation-review/
कूटनीति की बारीकियां: स्टेट डिनर का महत्व
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में, एक स्टेट डिनर का निमंत्रण केवल एक औपचारिक भोज नहीं होता; इसके गहरे कूटनीतिक मायने होते हैं। यह दो देशों के बीच मजबूत संबंधों और आमंत्रित नेता के वैश्विक मंच पर बढ़ते कद तथा प्रभाव का प्रतीक माना जाता है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को मिले इस उच्च-स्तरीय निमंत्रण को चीन अपनी क्षेत्रीय और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के लिए एक चुनौती के रूप में देख रहा है।
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भारत-चीन संबंध और बढ़ती प्रतिस्पर्धा
भारत और चीन के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं, जिसमें सीमा विवाद, व्यापार असंतुलन और विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर प्रतिस्पर्धा जगजाहिर है। भारत लगातार अपनी विदेश नीति को मजबूत कर रहा है और वैश्विक समस्याओं के समाधान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऐसे में, जब भारत महत्वपूर्ण पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को गहरा कर रहा है, तो चीन इसे अपने प्रभाव क्षेत्र में सेंध के रूप में देख सकता है।
संभावित कूटनीतिक निहितार्थ
यदि शी जिनपिंग वास्तव में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से अनुपस्थित रहते हैं, तो इसके कई कूटनीतिक निहितार्थ हो सकते हैं:
- ब्रिक्स समूह पर प्रभाव: यह ब्रिक्स के भीतर चीन की प्रतिबद्धता पर सवाल उठा सकता है और समूह की एकजुटता पर असर डाल सकता है।
- भारत-चीन तनाव में वृद्धि: ऐसे समय में जब दोनों देश जी-20 जैसे अन्य मंचों पर साथ काम करने की कोशिश कर रहे हैं, यह कदम दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को और बढ़ा सकता है।
- वैश्विक संबंधों पर असर: यह घटना दर्शाती है कि कैसे छोटी लगने वाली कूटनीतिक घटनाएं भी बड़े वैश्विक संबंधों और शक्ति संतुलन पर असर डाल सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के इस पेचीदा खेल में, ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी कि चीन इस स्थिति पर क्या आधिकारिक बयान देता है और शी जिनपिंग की अनुपस्थिति का ब्रिक्स और व्यापक भू-राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।