
देहरादून : उत्तराखंड में मानसून अपने पूरे शबाब पर है और अगले कुछ दिनों तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
आज का अनुमान:
उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में आज मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत और ऊधमसिंह नगर जैसे मैदानी और तराई क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी गरज-चमक के साथ बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे भूस्खलन और चट्टान गिरने की घटनाएं होने की आशंका है।https://kainchinews.in/uttarakhand-on-red-alert-for-monsoon-heavy-to-very-heavy-rains-expected-for-next-three-days-stay-alert/
तापमान:
राज्य भर में अधिकतम तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 20 से 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। बारिश के चलते मौसम में ठंडक बनी रहेगी।https://mausam.imd.gov.in/dehradun/mcdata/DISTRICT_FORECAST.pdf
यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए चेतावनी:
- भूस्खलन और सड़क बंद होने की आशंका: पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और चट्टान गिरने के कारण सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं। यात्रा करने से पहले यातायात की स्थिति की जानकारी अवश्य लें।
- नदी-नाले उफान पर: लगातार बारिश के कारण नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ सकता है। नदी-नालों के करीब जाने से बचें।
- पहाड़ी रास्तों पर सावधानी: फिसलन भरी सड़कों और कम विजिबिलिटी के कारण पहाड़ी रास्तों पर वाहन चलाते समय अत्यधिक सावधानी बरतें।
- बिजली गिरने की संभावना: गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं। खुले स्थानों पर खड़े होने से बचें और सुरक्षित आश्रय लें।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी आपात स्थिति के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क में रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें। अगले 24 से 48 घंटों तक मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखने की सलाह दी गई है।

उत्तराखंड में भारी बारिश वाले क्षेत्र:
उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत और ऊधमसिंह नगर जैसे मैदानी और तराई क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश की चेतावनी (रेड/ऑरेंज अलर्ट) जारी की गई है। इसके अलावा, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में भी आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना है। सोंग, अलकनंदा, मंदाकिनी, सरयू, गोमती और गंगा (ऋषिकेश, हरिद्वार और श्रीनगर में) जैसी नदियाँ उफान पर हैं या खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
बारिश से हुआ नुकसान:
- भूस्खलन और सड़कें बंद: पूरे राज्य में लगातार भूस्खलन और चट्टान गिरने की घटनाएँ हो रही हैं, जिससे कई संपर्क मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग (जैसे कर्णप्रयाग के पास ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे और चमोली में बिरही निजामुला रोड) अवरुद्ध हो गए हैं या पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। कुमाऊं मंडल में 54 सड़कें बंद हैं।
- बुनियादी ढाँचा और संपत्ति का नुकसान: कई पुल और सड़कें बह गई हैं। रुद्रप्रयाग, देहरादून के दून विहार और मसूरी के कुलड़ी क्षेत्र में कई मकान क्षतिग्रस्त या ढह गए हैं। रुद्रप्रयाग में एक मकान का कमरा और किचन तबाह हो गया, साथ ही एक गाय और दो बछिया भी बह गईं।
- खेती और धार्मिक स्थलों को क्षति: खेतों और अनाज के गोदामों को भारी नुकसान हुआ है। हरिद्वार के भीमगोड़ा मंदिर में पहाड़ी से मलबा गिरने से शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो गया है।
- जनजीवन प्रभावित: भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और कई गाँव जिला मुख्यालयों से कट गए हैं।
- आर्थिक नुकसान: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मानसून से कुल 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें सड़कों, पानी की योजनाओं और बिजली आपूर्ति में बाधा शामिल है। उत्तराखंड में भी महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
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