
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक होनहार कबड्डी खिलाड़ी ब्रजेश सोलंकी की रेबीज के कारण दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पीड़ित को कुछ समय पहले एक कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन उसने एंटी-रेबीज इंजेक्शन नहीं लगवाया, जिसकी वजह से रेबीज का संक्रमण उसके शरीर में फैल गया और आखिरकार उसने तड़पकर दम तोड़ दिया। यह घटना रेबीज के प्रति लापरवाही के गंभीर परिणामों की ओर इशारा करती है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, मृतक कबड्डी खिलाड़ी बुलंदशहर का निवासी था। लगभग एक महीने पहले उसे किसी कुत्ते ने काट लिया था। शुरुआत में उसने इस घाव को गंभीरता से नहीं लिया और एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाने में लापरवाही बरती।https://kainchinews.in/uttarakhand-monsoon-travel-essential-tips-to-avoid-trouble-during-your-trip/
कुछ दिनों पहले, खिलाड़ी में रेबीज के लक्षण दिखने शुरू हुए। उसे पानी से डर लगने लगा (हाइड्रोफोबिया), अत्यधिक बेचैनी, हिंसक व्यवहार और तेज बुखार जैसे लक्षण सामने आए। परिवार के सदस्य उसे आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। संक्रमण पूरे शरीर में फैल चुका था और डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए।

तड़पकर तोड़ा दम
बताया जा रहा है कि बीते खिलाड़ी ने अपने घर पर ही परिजनों के सामने दर्दनाक तरीके से दम तोड़ दिया। परिवार में मातम पसरा हुआ है, क्योंकि उन्होंने अपने घर के चिराग को लापरवाही के कारण खो दिया। मृतक कबड्डी में एक उभरता हुआ सितारा था और उसकी मौत से स्थानीय खेल समुदाय में भी शोक की लहर है।
रेबीज को हल्के में न लें: डॉक्टरों की अपील
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कुत्ते या किसी भी जानवर के काटने पर रेबीज को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, जिसका एकमात्र बचाव एंटी-रेबीज इंजेक्शन है। यदि किसी को कुत्ता, बिल्ली, बंदर या कोई अन्य जानवर काटता है या खरोंचता है, तो तुरंत घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए और बिना किसी देरी के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर एंटी-रेबीज इंजेक्शन का पूरा कोर्स करवाना चाहिए। रेबीज के लक्षण दिखने के बाद इलाज लगभग असंभव हो जाता है।
यह घटना लोगों के लिए एक सबक है कि वे रेबीज के प्रति जागरूकता बढ़ाएं और किसी भी पशु काटने की घटना को गंभीरता से लें ताकि ऐसी दर्दनाक मौतें रोकी जा सकें।
मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं ।जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)