
जंगल की दुनिया में अगर किसी दुश्मनी को सबसे घातक माना जाता है, तो वो है सांप और नेवले के बीच की दुश्मनी। जैसे ही ये दोनों आमने-सामने आते हैं, देखते ही देखते खतरनाक जंग शुरू हो जाती है। सोशल मीडिया पर अक्सर इनके बीच की लड़ाइयों के वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिनमें कभी सांप बाजी मार लेता है, तो कभी नेवला अपना पराक्रम दिखाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दुश्मनी की जड़ क्या है? क्यों दोनों एक-दूसरे को देखते ही आगबबूला हो उठते हैं?https://kainchinews.in/mother-and-lover-brutally-murder-6-year-old-daughter-in-lucknow-planned-to-frame-husband/
नेवला और सांप की दुश्मनी की वजह
माना जाता है कि नेवला और सांप के बीच यह दुश्मनी प्राकृतिक है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि सांप अक्सर नेवले के बच्चों को अपना शिकार बना लेता है। नेवले के बच्चों का मांस सांप को बेहद पसंद होता है। यही वजह है कि नेवला अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सांप को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। मौका मिलते ही वह उस पर हमला बोल देता है।
नेवला बहुत तेज और चालाक जानवर होता है। उसकी गति और फुर्ती इतनी जबरदस्त होती है कि सांप के लिए उससे मुकाबला करना आसान नहीं होता। यही कारण है कि दोनों की लड़ाई में नेवला अक्सर भारी पड़ता है।
क्यों जीत जाता है नेवला?
अक्सर देखा गया है कि जब सांप और नेवले के बीच लड़ाई होती है, तो सांप बचकर भागने की कोशिश करता है। लेकिन नेवला इतनी फुर्ती से हमला करता है कि सांप को संभलने का मौका नहीं मिलता।

लोगों में यह भ्रांति है कि भारतीय भूरे रंग के नेवले पर सांप का ज़हर असर नहीं करता, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। असल में, अगर सांप नेवले को काट ले, तो ज़हर का असर कुछ समय बाद जरूर होता है। नेवले के शरीर में एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर्स (Acetylcholine Receptors) की संरचना थोड़ी अलग होती है, जिससे सांप के ज़हर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन्स तुरंत असर नहीं कर पाते। इसी वजह से नेवला ज़हर का शिकार होने से पहले ही सांप को मार गिराता है।
फुर्ती, चालाकी और रणनीति का मुकाबला
नेवला न केवल तेज होता है, बल्कि उसकी रणनीति भी सांप को मात देने वाली होती है। वह सांप के सिर पर बार-बार वार करता है और जैसे ही मौका मिले, उसे जबड़े में जकड़ लेता है। यही कारण है कि कोबरा जैसे विषैले सांप भी नेवले से हार मान जाते हैं।