
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश में नए उपराष्ट्रपति की तलाश तेज हो गई है। उनके त्यागपत्र ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है। भाजपा नीत एनडीए के पास संसद में स्पष्ट बहुमत होने के कारण यह लगभग तय माना जा रहा है कि अगला उपराष्ट्रपति उन्हीं के खेमे से होगा। ऐसे में अब पार्टी नए चेहरे की तलाश में जुट गई है जो अनुभव, संतुलन और गरिमा से पद की जिम्मेदारी निभा सके।https://kainchinews.in/race-for-new-vice-president-begins-after-jagdeep-dhankhars-resignation-who-will-be-bjps-pick/
धनखड़ के इस्तीफे के बाद संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो पार्टी एक ऐसे नेता को चुनना चाहती है, जिस पर कोई विवाद न हो और जो विपक्ष से भी संवाद स्थापित कर सके। इस रेस में कुछ राज्यपाल, संगठन के वरिष्ठ नेता और मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों के नाम सामने आ रहे हैं। जेडीयू के राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी एक मजबूत दावेदार के रूप में देखे जा रहे हैं, जिन्हें केंद्र सरकार का विश्वास प्राप्त है। उनके शांत और सुलझे हुए व्यवहार को देखते हुए भाजपा उन्हें सर्वसम्मति का चेहरा बना सकती है।
एनडीए की अगली रणनीति और नामों का आधिकारिक ऐलान जल्द हो सकता है, जिस पर देशभर की निगाहें टिकी हैं।
1. हरिवंश नारायण सिंह (JDU, राज्यसभा उपसभापति)
- पृष्ठभूमि: वरिष्ठ पत्रकार और दो बार राज्यसभा के उपसभापति। नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं।
- प्लस प्वाइंट: गैर-विवादित, शालीन, अनुभवी, विपक्ष के साथ संवाद में कुशल।
- राजनीतिक संकेत: एनडीए से जेडीयू के अलग होने के बावजूद, हरिवंश ने अपने रुख से केंद्र का विश्वास कायम रखा है। यदि भाजपा विपक्ष को साधना चाहती है तो हरिवंश एक परिपक्व विकल्प हो सकते हैं।
2. आर. एन. रवि (राज्यपाल, तमिलनाडु)
- पृष्ठभूमि: पूर्व IPS अधिकारी, खुफिया एजेंसियों में अनुभव, नगालैंड और तमिलनाडु के राज्यपाल।
- प्लस प्वाइंट: सख्त प्रशासक, सरकार के विचारों से सामंजस्य।
- चुनौती: तमिलनाडु सरकार से लगातार टकराव की वजह से विपक्षी दल विरोध कर सकते हैं।
3. गुलाब चंद कटारिया (राज्यपाल, असम)
- पृष्ठभूमि: राजस्थान के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री। वर्तमान में असम के राज्यपाल।
- प्लस प्वाइंट: संगठन और प्रशासन में लंबा अनुभव, सौम्य छवि।
- राजनीतिक संदेश: भाजपा कटारिया को आगे कर राजस्थान चुनाव से पहले सामाजिक संतुलन का संदेश दे सकती है।
4. ओम माथुर (भाजपा के वरिष्ठ नेता, संगठन में मजबूत पकड़)
- पृष्ठभूमि: भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, संगठन में गहरी पैठ।
- प्लस प्वाइंट: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नजदीकी, चुनावी रणनीति में दक्ष।
- फायदा: राजस्थान से ताल्लुक और संगठन के संतुलन के लिहाज से उपयोगी चेहरा।
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