
नई दिल्ली | 25 जुलाई 2025: दक्षिण एशिया में कूटनीतिक हलचलों के बीच एक नया और गंभीर घटनाक्रम सामने आया है। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने आपसी सहमति से अपने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीजा फ्री एंट्री की छूट देने का फैसला किया है। यह कदम न सिर्फ इन दोनों देशों के संबंधों में बदलाव का संकेत देता है, बल्कि भारत के लिए सुरक्षा मोर्चे पर खतरे की घंटी भी बजा सकता है।
ISI की ‘ढाका एंट्री’ से बढ़ा भारत का सिरदर्द
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को ढाका में बिना किसी निगरानी के सक्रिय होने की छूट देगा। इससे भारत की पूर्वी और उत्तर-पूर्वी सीमाएं खतरे में पड़ सकती हैं। बांग्लादेश में भारत-विरोधी इस्लामी कट्टरपंथी ताकतें पहले से ही सिर उठा रही हैं, और ISI की पहुंच से उन्हें और ताकत मिलने की आशंका है।
बैठक में आतंकवाद, ड्रग्स और तस्करी पर बातचीत, लेकिन…
ढाका में हुई उच्चस्तरीय बैठक में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी और बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी शामिल हुए। आधिकारिक बयानों में आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और पुलिस ट्रेनिंग पर सहयोग की बातें हुईं, लेकिन पारदर्शिता और भारत के प्रति जवाबदेही पर चुप्पी साफ दिखी।

क्यों चिंतित है भारत?
- जहांगीर आलम चौधरी को भारत-विरोधी बयानबाज़ी के लिए जाना जाता है।
- पाकिस्तानी एजेंटों को बांग्लादेश में फ्री मूवमेंट मिलने का मतलब है भारत की सीमाओं के पास उनके नेटवर्क का विस्तार।
- बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से शेख हसीना की भारत समर्थक नीतियों की जगह अब पाकिस्तान झुकाव दिख रहा है।
- चीन और तुर्की की बढ़ती मौजूदगी भी भारत के लिए रणनीतिक सरदर्द बन सकती है।https://kainchinews.in/mother-and-lover-brutally-murder-6-year-old-daughter-in-lucknow-planned-to-frame-husband/
‘गार्ड ऑफ ऑनर’ से लेकर एक्सचेंज प्रोग्राम तक – बदल रहा है ढाका का झुकाव
पाकिस्तानी गृह मंत्री को दिए गए गार्ड ऑफ ऑनर और भविष्य में प्रस्तावित पुलिस एक्सचेंज प्रोग्राम यह दिखाते हैं कि अब ढाका इस्लामाबाद के साथ सुरक्षा तंत्र साझा करने को भी तैयार हो रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस्लामाबाद की नेशनल पुलिस अकादमी का दौरा करेगा।
भारत के लिए क्यों अहम है यह घटनाक्रम?
- पूर्वोत्तर भारत में बढ़ सकती हैं आतंकी गतिविधियां
- बांग्लादेश की धरती ISI के लिए ऑपरेटिंग बेस बन सकती है
- चीन-पाकिस्तान-तुर्की गठजोड़ को बांग्लादेश का समर्थन एक नई धुरी बना सकता है
- बॉर्डर इंटेलिजेंस और सुरक्षा रणनीति पर पुनर्विचार जरूरी