
कैंची न्यूज, नई दिल्ली: चीन के तियानजिन शहर में (Modi Jinping Meet) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता ने सबका ध्यान खींचा। हालांकि, इस बार दोनों नेताओं के मिलने के तरीके ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां पहले दोनों नेता गर्मजोशी से गले मिलते थे, वहीं इस बार उन्होंने सिर्फ हाथ मिलाया। इस बात ने दोनों देशों के रिश्तों में आई नई जटिलता की ओर इशारा किया है।
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द्विपक्षीय वार्ता: रिश्तों को मजबूत बनाने पर जोर
मुलाकात के दौरान, दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।
- पीएम मोदी ने चीन यात्रा के निमंत्रण और द्विपक्षीय बैठक के लिए शी जिनपिंग का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- शी जिनपिंग ने भी कहा कि दुनिया में हो रहे बदलावों को देखते हुए एशिया की दो बड़ी शक्तियों, यानी भारत और चीन का एक साथ आना और एक अच्छे पड़ोसी की तरह व्यवहार करना बेहद ज़रूरी है।
गले नहीं मिलने के क्या हैं मायने?
जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी का गले न मिलना एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। यह दिखाता है कि भारत अब चीन के साथ रिश्ते को लेकर बहुत सतर्क है।
- भले ही हाल में दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है, लेकिन 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा पर हुए संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता।
- हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष में चीन का पाकिस्तान का साथ देना भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
- पीएम मोदी यह संदेश देना चाहते थे कि द्विपक्षीय संबंध अब सिर्फ दिखावे की गर्मजोशी पर नहीं, बल्कि आपसी हितों और सीमाओं के सम्मान पर आधारित होंगे।
सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी सात साल बाद चीन के दौरे पर हैं, और उनकी यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। चीन भी इस दौरे की अहमियत को समझता है, यही वजह है कि शनिवार को तियानजिन पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया और उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया गया।
बैठक की अहमियत
मोदी और जिनपिंग की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ अटैक के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। दोनों नेताओं ने पिछले साल कजान में हुई अपनी सार्थक चर्चा को भी याद किया और सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद बनी शांति और स्थिरता पर संतोष व्यक्त किया।
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