
बलरामपुर: धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया है कि छांगुर ने धर्मांतरण के लिए अपनी संपत्ति और पादरियों का एक पूरा नेटवर्क खड़ा कर रखा था. वह जमीन की खरीद-बिक्री से होने वाले मुनाफे को हिंदू परिवारों के धर्म परिवर्तन में इस्तेमाल करता था.
जमीनों में निवेश, मुनाफा धर्मांतरण में
खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला है कि छांगुर ने बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए कई चालें चलीं. लोगों को अपने प्रभाव में लाने के लिए उसने प्रॉपर्टी के धंधे में भी हाथ आजमाया. इस काम को उसके खास सहयोगी महबूब और नवीन रोहरा देखते थे. प्रॉपर्टी से होने वाली मोटी कमाई को छांगुर लोगों को लुभाने और उन्हें इस्लाम कबूल करवाने पर खर्च करता था.https://kainchinews.in/radhika-yadav-murder-new-twist-in-tennis-players-killing-police-reveal-key-motive/
लालच का जाल और धमकी का खेल
छांगुर पहले हिंदू परिवारों, खासकर गरीब और श्रमिक वर्ग के लोगों को प्रभावित करता था. वह उन्हें नियमित खर्च के लिए पैसे देता था और अक्सर उन्हें अपने घर में साफ-सफाई या जानवरों की देखभाल का काम सौंपता था. वेतन के साथ 100-200 रुपये रोजाना देता था. एक बार जब लोग उसके प्रभाव में आ जाते थे, तो वह उन्हें बेहतर जीवन का झांसा देकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाता था. उत्तरौला में ही छांगुर ने छह स्थानों पर बेशकीमती जमीनें खरीदी हैं और शहर में दो कॉम्प्लेक्स भी बनवाए हैं. वह प्लॉटिंग का काम भी करता था. छांगुर के एक करीबी रहे बब्बू चौधरी ने बताया कि वह धर्म परिवर्तन के लिए कई तरह से पैसे बांटता था.

धोखाधड़ी और धमकी का खुलासाएक चौंकाने वाले खुलासे में, छांगुर के यहां सफाई करने वाले संचित ने बताया कि उसे धर्म परिवर्तन करने के लिए 5 लाख रुपये का लालच दिया गया था. जब संचित ने इनकार कर दिया, तो छांगुर ने उसे बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी. एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड) ने भी अपनी जांच में संचित के इस बयान का जिक्र किया है, जो इस पूरे रैकेट की भयावहता को दर्शाता है. यह खुलासा धर्म परिवर्तन के पीछे के सुनियोजित षड्यंत्र और पीड़ितों के शोषण की परतें खोलता है.
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