
कैंची न्यूज, देहरादून: उत्तराखंड की कोसी घाटी समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों की कई युवतियां Dehradun में नौकरी के नाम पर चल रहे एक बड़े जालसाजी गिरोह के चंगुल में फंस गई हैं। एक कथित एनजीओ के रूप में काम करने वाला यह गिरोह न सिर्फ इन लड़कियों से पैसों की ठगी कर रहा है, बल्कि उन पर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का भी दबाव बना रहा है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब किसी तरह गिरोह के चंगुल से बचकर निकली एक युवती के पिता ने पुलिस और पूर्व राज्यपाल से मदद की गुहार लगाई।
नौकरी के नाम पर बुलाया, फिर लूटी जमापूंजी
कोसी घाटी के बेतालघाट, रामगढ़ और ताड़ीखेत ब्लॉक समेत कई गांवों की युवतियां इस गिरोह का शिकार बनी हैं। पीड़ित युवती के पिता ने बताया कि उनकी बेटी को भी मार्च में नौकरी का झांसा देकर देहरादून बुलाया गया था। वहां पहुंचने के बाद, गिरोह ने उसके बैंक खातों की जानकारी लेकर एक लाख रुपये से अधिक की धनराशि निकाल ली। इसके बाद उस पर बार-बार घर से और पैसे मंगाने का दबाव बनाया जाने लगा। https://kainchinews.in/sarvesh-pathak-issues-open-challenge-to-pakistani-artists-no-tolerance-for-you-in-national/
पीड़ित परिवार ने आशंका जताई है कि ऐसी सैकड़ों लड़कियां इस गिरोह के शिकंजे में फंसी हुई हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह के लिए पहाड़ की ही कुछ लड़कियां काम कर रही हैं, जो अपनी ही सीधी-साधी युवतियों को नौकरी का लालच देकर इस दलदल में फंसा रही हैं।
पुलिस में शिकायत, पूर्व राज्यपाल से गुहार
गिरोह के जाल से किसी तरह निकलकर आई एक अन्य युवती ने नेहरू कॉलोनी में पुलिस को तहरीर दी है। उसने बताया कि उसकी छोटी बहन को बंधक बनाकर रखा गया था और उसके 38 हजार रुपये लूट लिए गए। जब उसे नौकरी का भरोसा दिलाया गया तो वह भी देहरादून पहुंची, जहां उससे पंजीकरण के नाम पर तीन हजार रुपये भी लिए गए। पीड़िता ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी बहन को बचाया और पुलिस को इस गिरोह से जुड़े कुछ युवक-युवतियों के नाम भी दिए हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, तल्ला आमखेड़ा निवासी युवती के पिता ने भाजपा नेता पान सिंह मेवाड़ी के साथ मिलकर पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। उन्होंने आपबीती सुनाते हुए पहाड़ की बेटियों को बचाने की गुहार लगाई, जिसके बाद पूर्व राज्यपाल ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से फोन पर बात कर इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
फेसबुक पर दोस्ती और ब्लैकमेलिंग का दबाव
पीड़ितों के अनुसार, यह गिरोह लड़कियों को नौकरी के साथ-साथ फेसबुक के जरिए लड़कों से दोस्ती करने और उन्हें वीडियो कॉल पर फंसाने का दबाव भी बनाता है। किसी को शक न हो, इसके लिए सभी लड़कियों को देहरादून में अलग-अलग जगहों पर रखा जाता है और उन्हें अपने परिवार से बात नहीं करने दी जाती। इस शातिर गिरोह का मुख्य उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ अलग-अलग तरीकों से पैसे ऐंठना है। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के बाद इस रैकेट का जल्द ही पर्दाफाश होने की उम्मीद है।