
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हर साल आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा और दूरदर्शी कदम उठाया है। अब प्रदेश सरकार आकाशीय बिजली की सटीक जानकारी के लिए अपना उपग्रह (सैटेलाइट) लॉन्च करने की तैयारी में है। यह पहल ग्रामीण इलाकों में जान-माल के नुकसान को कम करने में गेम चेंजर साबित हो सकती है।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन से लखनऊ में मुलाकात की। इस बैठक में राज्य में मौसम पूर्वानुमान, रिमोट सेंसिंग और प्राकृतिक आपदाओं की सटीक जानकारी पर गहन चर्चा हुई। सीएम योगी ने आकाशीय बिजली से हो रही मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसके तकनीकी समाधान पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश के लिए अलग उपग्रह का सुझाव
मुख्यमंत्री ने इसरो प्रमुख के सामने एक अनूठा प्रस्ताव रखा: यदि उत्तर प्रदेश का अपना एक विशेष उपग्रह हो, जो सिर्फ राज्य के मौसम, बादल संचलन और आकाशीय बिजली की संभावनाओं पर नजर रखे, तो समय रहते लोगों को अलर्ट किया जा सकता है। इससे सैकड़ों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। अगर यह प्रस्ताव अमल में आता है, तो उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अपना खुद का स्पेस मिशन शुरू करेगा।

आपदा प्रबंधन में क्रांति लाएगा रिमोट सेंसिंग
बैठक में रिमोट सेंसिंग तकनीक पर भी विस्तृत चर्चा हुई। डॉ. नारायणन ने सीएम योगी को बताया कि आधुनिक तकनीक से मौसम संबंधी घटनाओं की भविष्यवाणी करना अब संभव है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश की विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में गंभीरता से विचार किया जाएगा। यह पहल न केवल आपदा प्रबंधन को मजबूत करेगी, बल्कि प्रदेश के कृषि और पर्यावरण क्षेत्रों को भी नई दिशा प्रदान करेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, जिससे खेती-किसानी को भी बड़ा लाभ मिलेगा। उपग्रह से मिली जानकारी के जरिए बारिश, सूखा, ओलावृष्टि और बाढ़ जैसी घटनाओं का पहले से अनुमान लगाया जा सकेगा, जिससे किसानों को समय पर सतर्क किया जा सकेगा और उनकी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
इसरो ने जताई सहमति, जल्द शुरू होगा कार्य
इसरो प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे इस प्रस्ताव को पूरी गंभीरता से लेंगे और जल्द ही इसकी व्यवहार्यता पर अध्ययन कर विस्तृत योजना बनाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और घनी आबादी वाले राज्य के लिए यह उपग्रह एक बड़ी राहत बन सकता है, जिससे रिमोट सेंसिंग, डेटा एनालिटिक्स और मौसम विश्लेषण के जरिए तकनीकी युग की नई शुरुआत होगी।https://kainchinews.in/up-youth-to-get-10000-smartphones-after-ministers-displeasure-proposal-sent/
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दूरदर्शी प्रस्ताव न सिर्फ एक तकनीकी प्रगति है, बल्कि मानवीय जीवन की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह योजना अगर सफल होती है, तो यह यूपी को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा और हर साल बिजली गिरने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आएगी।
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