
कैंची न्यूज, मुंबई: मुंबई में फिल्म उद्योग के श्रमिकों के न्यायिक मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें वन, पर्यावरण एवं जलवायु संवर्धन परिषद भारत के वाइस चेयरमैन और भा.ज.पा. प्रणित के राष्ट्रीय महासचिव Sarvesh Pathak ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस बैठक में उन्होंने सिनेमा जगत के मेहनतकशों के अधिकारों और उनके संघर्षों को करीब से समझा।उन्होंने कहा कि फिल्म श्रमिकों के हक़ में पहल करते हुए उन्होंने कहा कि ‘अन्याय बर्दाश्त नहीं’ किया जाएगा।
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कामगारों की समस्याएं: मजदूरी में देरी और सुविधाओं का अभाव
बैठक की अध्यक्षता फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) के अध्यक्ष बी.एन. तिवारी ने की। उन्होंने बताया कि फिल्म उद्योग में काम करने वाले श्रमिक महीनों तक कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार निर्माताओं और कलाकारों द्वारा उन्हें समय पर उनका मेहनताना नहीं दिया जाता। तिवारी ने कहा कि श्रमिक संगठनों ने इस समस्या को कई बार संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों तक पहुंचाया है, लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। उन्होंने सर्वेश पाठक से अपेक्षा जताई कि वे इस गंभीर मुद्दे को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और केंद्रीय श्रम मंत्री तक पहुँचाकर श्रमिकों को न्याय दिलाने में मदद करेंगे।

श्रमिक संगठन के अध्यक्ष सुशील दुबे ने श्रमिकों की समस्याओं को विस्तार से रखते हुए बताया कि समय पर मजदूरी के अलावा उन्हें भोजन और चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी अक्सर उपलब्ध नहीं हो पाती हैं।
सर्वेश पाठक का आश्वासन: श्रमिकों के हित में ही होंगे सभी प्रयास
इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डी.के. पाठक ने कहा कि सर्वेश पाठक केंद्रीय नेतृत्व से बात कर जल्द ही इस मामले का समाधान सुनिश्चित करेंगे, जिसका सकारात्मक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेगा।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए श्री सर्वेश पाठक ने श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा:
“श्रमिक हमारी जान हैं। उनके साथ अन्याय किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेरे पास जो भी मुद्दे संयुक्त संगठनों द्वारा लाए जाएंगे, मैं पूरी प्रतिबद्धता और लगन के साथ श्रमिकों के उत्थान के लिए कार्य करूंगा। मेरे सभी प्रयास श्रमिकों के हित में ही होंगे।”
इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय सचिव नवीन पांडे, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नौशाद कुरेशी, वरिष्ठ समाजसेवी राम अवतार गुरुस्वामी और सेंसर बोर्ड के प्रमुख पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
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