
लखनऊ। 11 जुलाई 2025: शंखनाद, घंटे-घड़ियालों की गूंज और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों के बीच आज, शुक्रवार से पवित्र सावन माह का विधिवत शुभारंभ हो गया है। शहर के प्रमुख शिवालय एक दिन पहले से ही धार्मिक अनुष्ठानों में डूब चुके हैं और हर कोना शिवमय हो उठा है। मंदिरों के बाहर बेलपत्र, भांग, धतूरा और पूजा सामग्री से सजी दुकानों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कोनेश्वर, मनकामेश्वर, बुद्धेश्वर और राजेंद्रनगर स्थित महाकाल मंदिर में भक्तों का उत्साह चरम पर है, जहाँ हर मंदिर अपनी अनूठी कथा और विशेष तैयारियों के साथ आस्था का केंद्र बना हुआ है।https://kainchinews.in/radhika-yadav-murder-new-twist-in-tennis-players-killing-police-reveal-key-motive/
कोनेश्वर मंदिर: पूरे माह होगा शिव पाठ, मनोकामना पूरी होने की मान्यता
चौक स्थित प्राचीन कोनेश्वर मंदिर में भगवान शिव के विशेष पाठ की शुरुआत गुरुवार शाम 7 बजे से ही हो गई थी। मंदिर के पुजारी अमर नाथ ने बताया कि पूरे सावन माह में 25 ब्राह्मण रोजाना शाम 7 से रात 9 बजे तक शिव पाठ करेंगे, जिसके बाद भव्य आरती की जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए हर सोमवार को ठंडाई का वितरण किया जाएगा। मंदिर में किया गया अद्भुत श्रृंगार भक्तों को दूर-दराज से आकर्षित कर रहा है। ऐसी मान्यता है कि 40 दिनों तक नियमित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।https://kainchinews.in/radhika-yadav-murder-new-twist-in-tennis-players-killing-police-reveal-key-motive/
बुद्धेश्वर महादेव मंदिर: हर दिन नया स्वरूप, विशेष भोजन प्रसाद

मोहन रोड स्थित बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में इस बार भक्त हर दिन भगवान शिव का एक नया और मनमोहक स्वरूप देख सकेंगे। मंदिर के पंडित रामपुरी महाराज ने बताया कि एक विशेष ‘श्रृंगार समिति’ का गठन किया गया है, जो भगवान महाकाल का भव्य श्रृंगार उनके प्रिय फल, फूल और पत्तों से करेगी। श्रद्धालुओं के लिए हर दिन विभिन्न प्रकार के भोजन प्रसाद की भी व्यवस्था की गई है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने वनवास के दौरान इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी।
मनकामेश्वर मंदिर: 1000 वर्ष पुराना इतिहास, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गोमती नदी के तट पर स्थित लगभग 1000 वर्ष पुराना मनकामेश्वर मंदिर सावन के पहले सोमवार को 1 लाख से अधिक भक्तों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। मंदिर की महंत देव्या गिरी ने बताया कि दिव्यांग और वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए अलग प्रवेश द्वार की व्यवस्था की गई है। साथ ही, प्राथमिक उपचार की सुविधा और 100 से अधिक स्वयंसेवकों को भक्तों की सहायता के लिए तैनात किया गया है। मंदिर के कपाट सोमवार को सुबह 5 बजे खुलेंगे और दोपहर 12 बजे तक दर्शन जारी रहेंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजे से रात 10:30 बजे तक भक्त एक बार फिर बाबा के दर्शन कर सकेंगे। हर दिन भक्तों में प्रसाद वितरित किया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान पर भगवान शिव की प्रार्थना की थी, और यहाँ मनोकामनाएं पूरी होने की गहरी मान्यता है, जिसके कारण इसका नाम ‘मनकामेश्वर’ पड़ा। मनोकामना पूरी होने पर भक्त भगवान का विशेष श्रृंगार भी करते हैं।
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